Full description not available
L**Y
ये संवाद हैं, जिन्हें पढ़ते ऐसा लगता है कि ये ख़त्म ही न हों।
मानव कौल की कहानियां टिपिकल कहानियां नहीं हैं । ये बाकी कहानीकारों की कहानियों की तरह किसी अनजाम पर नहीं पहुंचती। इनमें कोई सस्पेंस नहीं। ये संवाद हैं, जिन्हें पढ़ते ऐसा लगता है कि ये ख़त्म ही न हों। मानव कौल आज के बाकी लेखकों से सिर्फ इसलिए अलग हैं। आश्चर्य होता है कि इतना अच्छा लेखक बहुत अच्छा एक्टर भी है।
R**I
जरूर पढ़े, शायद कुछ आपको सोची हुई बातों से आप रूबरू हो जाओ।
मैंने पहले ' ठीक तुम्हारे पीछे ' पढ़ी। फिर लगा कि इनकी सब किताबें पढ़ने चाहिए तो सब मांगा ली। जैसे जैसे वक्त मिल रहा है पढ़ रही हूं। बेहद संजीदा लिखते है। बहुत गहरी छाप छोड़ी है निर्मल जी ने इनके जीवन में, बहुत गहरे से प्रभावित है उनसे।इस किताब की कहानियां, सिर्फ कहानियां नहीं है ये सब कुछ और है। कहीं कहीं जुड़ जाते है और कहीं टूट जाते है। पढ़ते पढ़ते लगता है हम यहां नहीं है कहीं और पहुंच गए। हर कहानी अपने आप में बहुत गहराई लिए हुए है। बेहद रोचक और संजीदा। जरूर पढ़े।
A**N
नीरस, उबाऊ
प्रेम कबूतर कहानी को छोड़ दिया जाए तो बाकी सारी कहानियाँ बेहद उबाऊ और उलझी हुई हैं जिनमें कथा-तत्व है ही नहीं । ये कहानियाँ कहानी कम और निबंध के करीब ज्यादा लगती हैं । स्पष्ट है कि हिन्द युग्म ने व्यक्ति के नाम को देख कर इन्हें छाप दिया है ।
S**.
Feast for the soul
A book with a heart for sure. The characters in all the stories are so relatable . Manav has just let out his mind on a piece of paper without even thinking about repercussions . This is what makes the book a must read.
K**A
Good book
Glimpse of Nirmal Verma.
Trustpilot
2 weeks ago
1 month ago